"सरोज-स्मृति" महादेवी वर्मा द्वारा रचित एक मार्मिक
संस्मरण है, जिसमें उन्होंने अपनी छोटी बहन सरोज की
असमय मृत्यु का वर्णन किया है। यह निबंध के वल सरोज
की स्मृति मात्र नहीं है, बल्कि इसमें महादेवी वर्मा के जीवन-
दर्शन, मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक परिस्थितियों का
भी सुंदर चित्रण किया गया है।
संक्षिप्त सारांश:
महादेवी वर्मा की छोटी बहन सरोज का विवाह अल्पायु में ही
कर दिया गया था। विवाह के कु छ ही समय बाद सरोज का
निधन हो गया, जो उनके लिए अत्यंत वेदनादायक घटना थी।
इस रचना में उन्होंने अपने हृदय की गहरी पीड़ा व्यक्त की है
और भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी गंभीर
प्रश्न उठाए हैं।
1. सरोज का बचपन – सरोज बचपन से ही सरल, हंसमुख
और कोमल हृदय की थी। वह सबकी प्रिय थी, लेकिन कम
आयु में ही विवाह होने के कारण वह अपने जीवन का स्वतंत्र
रूप से आनंद नहीं ले पाई।
2. असमय विवाह और कठिनाइयाँ – उस समय की
सामाजिक प्रथाओं के अनुसार, बाल-विवाह प्रचलित था।
संस्मरण है, जिसमें उन्होंने अपनी छोटी बहन सरोज की
असमय मृत्यु का वर्णन किया है। यह निबंध के वल सरोज
की स्मृति मात्र नहीं है, बल्कि इसमें महादेवी वर्मा के जीवन-
दर्शन, मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक परिस्थितियों का
भी सुंदर चित्रण किया गया है।
संक्षिप्त सारांश:
महादेवी वर्मा की छोटी बहन सरोज का विवाह अल्पायु में ही
कर दिया गया था। विवाह के कु छ ही समय बाद सरोज का
निधन हो गया, जो उनके लिए अत्यंत वेदनादायक घटना थी।
इस रचना में उन्होंने अपने हृदय की गहरी पीड़ा व्यक्त की है
और भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी गंभीर
प्रश्न उठाए हैं।
1. सरोज का बचपन – सरोज बचपन से ही सरल, हंसमुख
और कोमल हृदय की थी। वह सबकी प्रिय थी, लेकिन कम
आयु में ही विवाह होने के कारण वह अपने जीवन का स्वतंत्र
रूप से आनंद नहीं ले पाई।
2. असमय विवाह और कठिनाइयाँ – उस समय की
सामाजिक प्रथाओं के अनुसार, बाल-विवाह प्रचलित था।